मंडी में किसानों को को मिल रहा है है 5447 रूपये किवंटल का भाव इसलिए MSP 5450 पर बेचने को तैयार नहीं
भरतपुर रबी की फसल अंतिम चरण पर है जिले में सरसों का आवक जोरो पर है भरतपुर सरसों की आवक भरपूर हो रही है इस बार किसान एमएसपी का इंतजार नही कर रहा है क्यों की मंडी में सरसों का भाव लगभग एमएसपी के बराबर चल रहा है इसलिए किसान को सरकारी खरीद की तरफ दिलचस्पी नही है इस साल सरसो का सरकारी रेट 5450 रूपये है वही शनिवार को सरसों का भाव 5444 रूपये रहे जो समर्थन मूल्य के बराबर चल रहा है इसलिए किसान एमएसपी रेट पर बेचने के इच्छुक नहीं हैं किसानों का कहना है जब मंडियों में ही सरकारी रेट के बराबर भाव मिल रहे हैं तब सरकारी खरीद का इंतजार क्यों किया जाए अगर भाव 100 रूपये कम भी रहते हैं तो भी किसान आड़तियो को फसल बेचने की प्रामथिका देगा क्यों की आड़ती पर सरसों बेचने से किसान सरकारी दस्तावेज प्रिकिया से छुटकारा मिल रहा है और पैसे का भुगतान के लिए किसानों को इंतजार नही करना पड़ रहा है किसानों का कहना है कि पीछे साल की अपेक्षा भाव बहुत कम है 8500 रूपये बिकने वाली सरसों अब मुस्किल से 5500 का आंकड़ा छू पा रही है और इस बार ओसंतन आंकड़ा भी 6,7 किवंटल से घटकर 3,4 किवंटल हो गया है जिस कारण किसानों को दोहरी मार से गुजरना पड़ रहा है पिछली साल कुछ किसानों ने सरसों को रोक लिया था उस कारण उनको घाटो का सामना करना पड़ रहा है

मूल्य पर बेचने के लिए किसान नहीं दिखा रहा है दिलचस्पी
1 अप्रैल को सरसों चना और गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो होनी थी लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं हो पाई है मंडी भाव समर्थन मूल्य के बराबर होने के कारण किसान समर्थन मूल्य पर बेचने को इच्छुक नहीं है समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए किसानों को 20 मार्च से शुरू हुई पंजीकरण प्रक्रिया के तहत पंजीकरण कराना था केवल 720 किसानों ने ही समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए पंजीकरण कराया है भरतपुर जिले में सरसों बेचने के लिए 26 केंद्र और गेहूं खरीद के लिए बनाए गए हैं
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