ग्वार
गत वर्ष ग्वार का उत्पादन कम होने से मंडियों एवं गम मिलों में में हाजिर माल की भारी कमी बनी हुई है। दूसरी ओर नई फसल आने में अभी चार महीने का समय बाकी है। इस बार बिजाई भी कम हुई है, वहीं गम का निर्यात लगातार यूएसए सहित अन्य विकसित देशों को चल रहा है, इन परिस्थितियों में ग्वार में जल्दी 500/600 रुपए प्रति क्विंटल की और तेजी आ सकती है तथा दूरगामी परिणाम और तेजी वाला लग रहा है।
ग्वार का उत्पादन गत वर्ष कम होने से मंडियों में आवक पूरी तरह समाप्त हो गई है, केवल छोटे-बड़े स्टॉकिस्टों के माल इधर से उधर बिक रहे हैं। गत वर्ष ग्वार का उत्पादन 40 प्रतिशत घटकर 48/50 लाख मैट्रिक टन रह गया था, जिस कारण गम मिलों में मिलिंग के अनुरूप माल नहीं है तथा वर्तमान में 84 प्रतिशत माल प्रोसेस्ड हो चुका है। उत्पादक मंडियों में स्टाक बहुत ही कम बचा है, जबकि नई फसल आने में 4 महीने का समय बाकी है। उधर डिब्बे में गम एवं ग्वार के हाजिर की अपेक्षा 70 के प्रतिशत व्यापार अधिक हुआ है, जिसके डिलीवरी के लिए माल नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि डिलीवरी के अभाव में लगातार अगस्त-सितंबर के सौदे बढ़ते जा रहे हैं, जिस कारण हनुमानगढ़, जोधपुर, बीकानेर, अहमदाबाद, राजकोट के अलावा हरियाणा के भिवानी, दादरी के साथ-साथ राजस्थान के दौसा, डीडवाना, नागौर, चूरू लाइन में ग्वार का स्टाक बहुत ही कम बचा है। हालांकि भारी तेजी के बाद वायदा बाजार आज मंदे लिए बंद हुआ, लेकिन अगस्त की डिलीवरी डिब्बे में बहुत ज्यादा लगने से बाजार फिर तेज लग रहा है। गौरतलब है कि इस बार बीज भी काफी ऊंचे बिक रहे हैं, वहीं गम मिलों के निर्यात सौदे अभी पेंडिंग में पड़े हुए हैं। यूएसए, यूएई में गम का स्टॉक काफी कम रह जाने से लगातार निर्यातकों की लिवाली बनी हुई है, जबकि गम मिले हैंड टू माउथ चल रही हैं। यही कारण है कि ग्वार के भाव गत 3 दिनों में 150/200 रुपए बढ़कर राजस्थान एवं गुजरात की मंडियों में 5950/6050 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। जोधपुर एवं अहमदाबाद लाइन में गम के भाव भी 1270012800 रुपए के आस-पास चल रहे हैं। नई फसल आने में अभी लंबा समय बाकी होने तथा निर्यातकों के पेंडिंग में होने से गम की खपत आगे और बढ़ने वाली हैं। फलतः अगले एक महीने के अंतराल ही 500/600 रुपए प्रति क्विंटल की और तेजी लग रही है।
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