ग्वार (Guar) की उत्पति मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप (Indian subcontinent) में हुई है। यह एक सुखद औषधीय पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम Cyamopsis tetragonoloba है।
ग्वार का पौधा प्राकृतिक रूप से सूखे क्षेत्रों में अच्छी तरह से विकसित होने की क्षमता रखता है। यह उच्च तापमान, कठोर मृदा, और कम पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में भी अच्छी फसल का विकास कर सकता है। इसलिए, ग्वार को भारतीय उपमहाद्वीप के प्रमुख राज्यों में जैसे कि राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और पश्चिमी बंगाल में व्यापक रूप से उगाया जाता है।
ग्वार की उत्पति आदिवासी जनजातियों द्वारा किए गए प्राचीन बीज चुनाव और अभिजात है। यह पौधा स्थानीय पर्यावरण में अनुकूल हो गया और विकसित हुआ। ग्वार को पश्चिमी देशों में भी पाया जाता है, जहां इसे वाणिज्यिक फसल के रूप में उगाया जाता है।
यह पौधा विभिन्न उपयोगों के लिए प्रसिद्ध है, जैसे कि ग्वार फलों की सब्जी और गोंद का उत्पादन करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, ग्वार के बीजों से ग्लूटेन फ्री आटा बनाया जाता है जो खाद्य उत्पादों में उपयोगी होता है। ग्वार भूस्खलन को भी बढ़ाता है और मिट्टी को मूल्यवान न्यूट्रिएंट्स से संपन्न करता है।